Sunday, February 20, 2022

इत्तेफाक़

ना जाने क्यों है

पर है बेवजह अनायास

तेरी इक तस्वीर मेरे पास

जबकि मैं और तुम

कभी मिले नही हैं!


ये इत्तेफाक़ है

या कुदरत की कोई चाल है

जो मिट्टी हवा आब खुशबू

धूप चाँद रात है

पर गुल मुहब्बत के अभी तक

खिले नहीं है।



Monday, February 14, 2022

तजुर्बा

मुश्किलों से जो मिला तजुर्बा बहुत खास है
वो जो सबसे दूर है वही तो सबसे पास है।

Sunday, February 13, 2022

एहसास

मुझे ग़म की जरूरत नहीं है
रोने के लिए
तुम्हारे साथ होने का
एहसास ही काफी है
तुम्हारा होने के लिए।