मंजिलें एक हैं
रास्ते बदल जाएंगे
दिल में रहेंगे लेकिन
कुछ दूर नजर आएंगे
हँसते हुए चेहरों की
रौनक याद रखना
विछड़ेंगे तो लेकिन
ख्वाबों में आएंगे ।
हाथों में हाथ न हो,
दिल में जज़्बात होंगे
ख्वाबों के मंजर
यादों से आबाद होंगे।
-देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
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