ये शब्द नही ये गीत नही कोई धर्म रीति का ज्ञान नही ये उस बालक के प्रश्न हैं जिसके जीवन का कोई मान नही मां क्यो रहती है तू सड़को पर क्या तुझे किसी का डर नही या तू भी है उस कोयल जैसी जिसका अपना कोई घर नही।
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