अपने ग़म को तुमसे छुपा के रखती हूँ
इसलिए खुद को इतना सजा के रखती हूँ।
मैं तुम्हारी हूँ मेरा ग़म भी तुम्हारा न हो जाए
हर घड़ी ख़ुद से तुमको बचा के रखती हूँ॥
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