Saturday, May 1, 2021

अपने ग़म को तुमसे छुपा के रखती हूँ

अपने ग़म को तुमसे छुपा के रखती हूँ 

इसलिए खुद को इतना सजा के रखती हूँ। 

मैं तुम्हारी हूँ मेरा ग़म भी तुम्हारा न हो जाए 

हर घड़ी ख़ुद से तुमको बचा के रखती हूँ॥ 

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