रंगो की इस बहार में
इक रंग की कमी है।
वो रंग जिसमें तेरी
चाहत की नमी है।
अंबर भी लाल हो रहा
धरती भी गुलाबी है
यादों से तेरी दिल की
आज महफ़िल सजी है।
तेरे बिना तन्हाइयों के
संग संग हूँ मैं
रंगों की इस फुहार में
बेरंग ढंग हूँ मैं।
मेरी खुशी पे मुस्कुराने वाले
क्या जानें
इक मुस्कान के पीछे
कितने आँसुओं की हँसी है।
ख्वाब में कभी इक ख़्वाब
देखा था मैंने
एक हँसी आरजू को
दिल के पास देखा था मैंने।
पूरी न हो सकी जो हसरतें
तो गम नही
वो खुश हैं इसी में मेरे
जीवन की खुशी है।
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